मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का संकल्प लोकसभा में लाना जले पर नमक छिड़कने जैसा : कांग्रेस

मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के 23 महीने बाद और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के लगभग दो महीने बाद बुधवार (3 अप्रैल) को तड़के 2 बजे लोकसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के वैधानिक संकल्प पर चर्चा शुरू हुई.

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का संकल्प लोकसभा में लाना जले पर नमक छिड़कने जैसा : कांग्रेस
Jairam Ramesh

कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मणिपुर की उपेक्षा किए जाने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए लोकसभा में संकल्प लाया जाना जले पर नमक छिड़कने की तरह था. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस संकल्प पर चर्चा के लिए सीमित समय दिया गया.

मालूम हो कि मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के 23 महीने बाद और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के लगभग दो महीने बाद बुधवार (3 अप्रैल) को तड़के 2 बजे लोकसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के वैधानिक संकल्प पर चर्चा शुरू हुई.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मुद्दे को तब उठाया, जब सदन में 12 घंटे की बहस के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 पारित कर दिया गया. इस समय घड़ी में 2 बजे बजने को थे. ये चर्चा लगभग 40 मिनट तक चली, जिसमें सांसदों ने जल्दबाजी में भाषण दिए.